प्रदेश की 7642 ग्राम पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले ओबीसी सर्वेक्षण होगा। एकल सदस्यीय आयोग इसकी तैयारी में जुट गया है। हरिद्वार की तर्ज पर ट्रिपल टेस्ट के बाद ही पंचायतों में ओबीसी वर्ग की सीटों की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरिद्वार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले एकल सदस्यीय आयोग ने ओबीसी सर्वेक्षण कराया था। इस सर्वे के आधार पर ही हरिद्वार के चुनाव निर्विवाद हुए। यह सर्वेक्षण का फॉर्मूला मध्य प्रदेश से लिया गया था।
जिस तरह से हरिद्वार में ओबीसी की सीटों का निर्धारण हुआ था, उसी तरह अब प्रदेश की 7642 ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के बाद ही अगले साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। वर्तमान में इस साल नगर निकायों के चुनाव के मद्देनजर एकल सदस्यीय आयोग के निर्देश पर सभी जिलों के निकायों में ओबीसी सर्वे चल रहा है।
अगर किसी पंचायत में एससी-एसटी का आरक्षण ही 30 प्रतिशत है तो ओबीसी को 20 प्रतिशत मिलेगा। अगर किसी जगह 40 प्रतिशत एससी-एसटी आरक्षण है तो तो वहां ओबीसी को 10 प्रतिशत ही आरक्षण मिलेगा। इससे पूर्व के पंचायत चुनाव में सभी जगहों पर ओबीसी को सीधे तौर पर 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।