उत्तराखंड पुलिस के ‘स्पेशल ऑपरेशन’ शुरू होने से पहले ही बवाल मच गया। ‘ऑपरेशन’ के नाम पर विवाद हुआ था। डीजीपी अशोक कुमार ने नाम बदला। उत्तराखंड के तराई-भाबर में अपराधों पर काबू पाने को डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे का ऐलान विवादों में आ गया। अपराधों पर नियंत्रण को उन्होंने शुक्रवार सुबह ऑपरेशन ‘ठोको स्क्वॉयड’ का ऐलान किया।
डीजीपी अशोक कुमार के स्क्वॉयड के नाम पर आपत्ति जताने के बाद दोपहर को इसका नाम ‘स्पेशल स्क्वॉयड’ और बाद में ‘एंटी न्यूसेंस स्क्वॉयड’ कर दिया गया। हल्द्वानी में शुक्रवार को पुलिस ब्रीफिंग में डीआईजी कुमाऊं रेंज डॉ.नीलेश आनंद भरणे ने अपराध पर लगाम कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाने का ऐलान किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के लिए 100 पुलिसकर्मी बुलाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह ठोको स्क्वॉयड महाराष्ट्र की तर्ज पर काम करेगा। जैसे ही यह बात डीजीपी तक पहुंची, उन्होंने नाम पर आपत्ति जताते हुए इसे बदलने को कहा। इसके बाद अभियान का नाम बदल कर ‘स्पेशल स्क्वॉयड’ कर दिया गया।
अंतत ऑपरेशन को ‘एंटी न्यूसेंस स्क्वॉयड’ नाम दिया गया। इस संबंध में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि स्पेशल स्क्वॉयड का नाम ठोको रखना उचित नहीं था। इस नाम से अच्छा संदेश नहीं जाता। इसके चलते नाम को बदलने के निर्देश दे दिए गए।
● दून के कई निजी कालेजों में संदिग्ध कश्मीरी छात्रों के पकड़े जाने के बाद कालेजों ने वहां के छात्रों को तवज्जो देनी कम कर दी।
● जेएंडके से दूरी कम होने और परिवहन सुविधाएं अच्छी होने के कारण छात्र अब चंडीगढ़ की ओर जाने लगे।
● पुलवामा अटैक के बाद डर व शक के माहौल पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया।
अल्पाइन इंस्टीट्यूट के चेयरमैन, अनिल सैनी ने बताया कि, यहां पिछले कुछ सालों में कश्मीरी छात्रों की संख्या में कमी आयी है। जिसका मुख्य कारण उनका पंजाब चंडीगढ़ की ओर जाना है। पंजाब में प्राइवेट विवि साल भर दाखिले करते हैं। उनके रिजल्ट लेट आते हैं और तब तक हमारे दाखिलों की तारीखें निकल जाती हैं।