मुरादाबाद में जन सुविधा केंद्र संचालक ने यातायात पुलिस और न्यायालय की आईडी हैक कर ली। उसने ई चालान की धनराशि कम और डिलीट करके सरकार का लाखों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचा दिया। पुलिस ने जन सुविधा संचालक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि इस गिरोह में शामिल तीन आरोपी फरार हैं। इसमें एक आरोपी अभि कुमार लाल मिश्रा उर्फ आर्य कुमार मिश्रा अयोध्या में आरटीओ कार्यालय में क्लर्क (संविदा) और दूसरा आरोपी दीपक राज कानपुर कचहरी में क्लर्क (संविदा) बताया जा रहा है। गिरोह का सरगना शाने आलम पहले अपने भाई की नल-पंप की दुकान पर काम करता था। यहां से ही उसने लोगों के ई चालान जमा करने का काम शुरू किया था। इसके बाद वह मैनाठेर के असदपुर निवासी जावेद के संपर्क में आया। तब दोनों ने आरटीओ कार्यालय के पास जन सुविधा केंद्र खोल लिया और ई चालान जमा करने लगे।
आरोपी मुरादाबाद निवासी लोगों के दूसरे जनपदों में भी जाकर ई चालान जमा करते थे। शाने आलम एक दिन कुशीनगर ई चालान जमा करने गया था। वहां आरोपी के सामने ही कर्मचारी ने धीरे धीरे आईडी खोली थी। तब उसने पूरी प्रक्रिया समझ ली थी। वहां से लौटने के बाद आरोपी ने वो ही आईडी अपने कंप्यूटर पर खोलकर देखी। जिसमें वह सफल हो गया था।
इसके बाद उसने ई चालान की धनराशि कम या डिलीट करना शुरू कर दी थी। आरोपी लोगों से पूरी रकम लेते थे। मुरादाबाद के अलावा यूपी और उत्तराखंड के 53 जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। आरोपियों ने न्यायालयों की आईडी भी हैक कर ली थी।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पहले लॉगिन करने के लिए पासवर्ड भरा जाता था। इसके बाद पुलिस विभाग की ओर से ई चालान की धनराशि जमा
करने पर ओटीपी का प्रावधान कर सुरक्षा प्रक्रिया का समावेश किया गया। तब आरोपी शाने आलम ने अपना मोबाइल नंबर मुरादाबाद यातायात पुलिस की आईडी के साथ लगा दिया था। तब आईडी खोलने पर उसके पास भी ओटीपी आने लगा था। आरोपी पूरी साइट को खोलने में सफल रहता था।
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पिछले एक साल से ई चालान की धन राशि कम और डिलीट कर रहे थे लेकिन पुलिस और संबंधित विभागों को
इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपी शाने आलम ने ये भी पुलिस को बताया कि वह अब तक पंद्रह लाख रुपये का राजस्व नुकसान कर चुका है। हालांकि ये धनराशि इससे भी ज्यादा हो सकती है।