• Sat. Jul 27th, 2024

 पहले भी उत्‍तराखंड में कहर मचा चुके हैं बर्फीले तूफान,

Byukcrime

Oct 4, 2022 #ukcrime, #uttakhand

पर्वतारोहण में रोमांच के साथ ही बड़ा जोखिम भी रहता है। क्‍योंकि मौसम पल-पल बदलता है। हालांकि हिमालय की ऊंची चोटियों पर एवलांच की घटनाएं आना सामान्‍य हैं। लेकिन ट्रेकिंग के दौरान या इन इलाकों में जाने के दौरान जरूरी एहतियात बरतनी जरूरी होती है। उत्‍तरकाशी के द्रोपदी के डांडा में मंगलवार को आए एवलांच ने उत्‍तराखंड में आए पुराने बर्फीले तूफानों की कड़वी यादें ताजा हो गई हैं।

पहले भी उत्तराखंड हिमालय की अन्य चोटियों पर एवलांच की घटनाएं हो चुकी हैं। हिमालय की अधिकांश चोटियों पर आरोहण के दौरान एवलांच से कई पर्वतारोहियों और पोर्टर की मौत हुईं है। इतना हीं नहीं इन घटनाओं में कई पर्वतारोहियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। बता दें कि वर्ष 2019 में नंदा देवी चोटी पर चार विदेशी पर्वतारोहियों सहित आठ की मौत भी एवलांच की चपेट में आने के कारण हुई थी।

उत्तराखंड से लगे हिमालयी क्षेत्र में नंदा देवी, त्रिशूल, चौखंबा, सतोपंथ, केदारडोम, गंगोत्री-तृतीय सहित अन्य चोटियों पर एवलांच घटनाएं अक्‍सर सामने आती हैं। अभी दस दिन के अंदर ही केदारनाथ के पास की पहाडि़यों में भी तीन बार एवलांच की घटनाएं सामने आईं थी। जिनके अध्‍ययन के लिए वाडिया के वैज्ञानियों का दल भी वहां पहुंचा है।

एवलांच तब आता है जब ऊंची चोटियों पर ज्यादा मात्रा बर्फ जम जाती है और दबाव ज्यादा होने पर बर्फ अपनी जगह से खिसक जाती है। बर्फ की परतें खिसती हैं और तेज बहाव के साथ नीचे की ओर बहने लगती हैं। रास्ते में जो कुछ आता है उसे ये बहा ले जाते हैं।

By ukcrime

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *