जौलीग्रांट स्थित एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन पाएगा या नहीं यह संभाव्यता (फिजिबिलिटी) रिपोर्ट से तय होगा। प्रदेश सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से जल्द फिजिबिलिटी सर्वे करने का अनुरोध किया है। अपर सचिव नागरिक उड्डयन व यूकाडा के सीईओ ने इसकी पुष्टि की है। पहले से संचालित हो रहे एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए सरकार इसके विस्तारीकरण की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए एयरपोर्ट के आसपास करीब 28 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए इसके रनवे विस्तार के लिए 6.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 21.5 एकड़ भूमि भी होनी जरूरी है। योजना में राजस्व भूमि के अलावा और वन भूमि के अधिग्रहण होना है। वन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
एयरपोर्ट विस्तार की योजना के लिए हिमालयन अस्पताल की ओर से विस्तारीकरण होना है। इसके लिए 277 भवन व दुकानें शिफ्ट होनी है।
एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की योजना में स्थानीय लोग अपनी भूमि के अधिग्रहण को लेकर आशंकित हैं। इसके चलते उन्होंने विरोध भी शुरू कर दिया है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट एयरपोर्ट विस्तारीकरण योजना के पक्ष में आएगी या विरोध में।