महंगाई की दर में आई उछाल को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते सप्ताह मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी। बीते एक मई से 30 सितंबर के बीच रेपो रेट में ये चौथी बढ़त थी। इन पांच महीनों में रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 5.90% हो गया।
रेपो रेट आधारित जो होम लोन पांच महीने पहले तक 6.5% से 7.5% के बीच था, वह अब 8.5% या इससे भी अधिक हो जाएगा। यानी आपके कर्ज की दर में लगभग 25% का उछाल हो चुका है। ऐसे में मौजूदा कर्जधारक जिन्होंने ईएमआई संशोधन के विकल्प के साथ होम लोन लिया है, उनकी ईएमआई एक बार फिर बढ़ जाएगी। वहीं, जिन लोगों ने कर्ज अवधि परिवर्तन का विकल्प लिया है, उनकी ईएमआई तो समान रहेगी, लेकिन उनके कर्ज की अवधि बढ़ जाएगी।
जानकारों के मुताबिक, इस वृद्धि का सबसे बड़ा असर होम लोन पर आएगा, क्योंकि यह सबसे बड़ा रिटेल लोन तो है ही, साथ ही वर्ष 2019 से यह सीधा रेपो रेट से जुड़ा है। कार लोन अब भी ज्यादातर फिक्स रेट पर ही दिया जाता है। चूंकि होम लोन बड़े आकार का लोन होता है, इसलिए ब्याज दरों में वृद्धि के कारण पूरे लोन का समय पूर्व भुगतान करना संभव नहीं होता। यदि आपके पास पैसे हों तो भी होम लान का पूरा प्रीपेमेंट करने से सारी बचत समाप्त हो सकती है।
हमारे विशेषज्ञ बैंकबाजार.काॅम के सीईओ आदिल शेट्टी, क्लियरटैक्स.कॉम के फाउंडर एवं सीईओ अर्चित गुप्ता और पैसाबाजार.कॉम के होम लोन प्रमुख रतन चौधरी बता रहे हैं कि अब आप क्या कदम उठा सकते हैंः